पिता के सम्मान में मनाया जाने वाला फादर्स डे जिसे आज दुनिया भर के काफी देश मानते हैं। क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कब कहाँ और कैसे हुई । पितृ दिवस के बारे में ठीक से जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें ।
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पिता के सम्मान में व्यापक रूप से मनाया जाने वाला पर्व जिसे पिक फादर होडिया के सम्मान में पितृ दिवस( फ़ादर्स डे)के रूप में मानते हैं । यह मदर्स डे ,पेरेंट्स डे, और चिल्ड्रनस डे की तर्ज पर मनाया जाता है। जो जून के तीसरे रविवार में सभी देशों में मनाया जाता है ।
माता के सम्मान में जिस तरह मदर्स डे का आयोजन किया जाता था उसी तरह पिता के सम्मान में भी मातृ दिवस की भाँति पितृ दिवस भी मनाया जाता है।
इस रोज बच्चे अपने पिता के लिए कार्ड बनाते हैं उन्हें गिफ्ट देते हैं और उनके पसंदीदा पकवान बनाते हैं तथा गेम्स आदि का आयोजन करते हैं।
परन्तु क्या आपको पता है कि किसके प्रयासों के फलस्वरूप इस दिवस को मनाने हेतु मान्यता प्राप्त हुई-
सुनोरा नाम की एक बच्ची जिसे 16 साल की उम्र में उसकी माँ छोड़कर चली गई थी और उसके पिता जो आर्मी से रिटायर्ड थे उन्होंने सुनोरा सहित 6 बच्चों को स्वयं पाला। एक दिन 1909 में सुनोरा ने मदर्स डे के बारे में सुना और उसको महसूस हुआ कि उसके पिता के लिए भी एक सम्मानित दिवस होना चाहिए ।
और फिर उसने फादर्स डे मनाने के लिए एक याचिका दायर कर दी जिसमे शुरुआत में किसी ने उसका साथ नही दिया पर सुनोरा ने हार नही मानी । वह चर्च के सदस्यों के पास गई और हस्ताक्षर के लिए उन्हें मना लिया। सुनोरा ने us तक इसके लिए कैम्पेन किया।
इस तरह एक बेटी के प्रयासों से पहली बार 1910 में फादर्स डे मना लिया गया।
और धीरे -धीरे इसका ट्रेंड पूरी दुनिया में फैल गया ।आज हम सभी जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाते हैं लेकिन शायद हममे से बहुत लोग यह नही जानते कि इसके लिए एक बेटी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी ।
फादर्स डे आज बहुत ही प्यार एवं सम्मान के साथ मनाया जाता है।
तो इसफादर्स डे पर हमें अपने पिता के साथ सोनोरा का भी थैंकफुल होना चाहिए जिसने इस दिन को मनाने की मुहिम छेड़ी।
पिता दिवस father's day का पहला उत्सव वाशिंगटन के स्पोकाने में एक चर्च में आयोजित किया गया था जो धीरे-धीरे बहुत लोकप्रिय हो गया और एक कैलेंडर कार्यक्रम बन गया।
इस साल भी हर बार की तरह 21 जून यानी तीसरे रविवार को फ़ादर्स डे मनाया जाएगा ।
यहाँ हम आपके साथ फ़ादर्स डे के मौके पर कुछ गिफ्ट आइडियास शेयर कर रहे हैं।
इस मौके पर आप ख़ास तोहफ़ा देने के लिए अपने हाँथो के जादू को आजमायें तो आपके पिता को बहुत पसंद आएंगे .
या फिर आप उन्हे उनकी पसंद का कोई और तोहफ़ा दे सकते हैं ।
सिर्फ एक वादा या चंद प्यार भरी लाइनों में भी आप उन्हें स्पेशल फील करवा सकते हैं जो उन्हें खुशी दे सके।
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एक वक्त बीत जाने पर पता चलता है
मेरे पापा जो भी कहते थे सच कहते थे।
खुशियां जहाँ भर की मिल जाती
पापा तुम्हारी गोद में जो एक झपकी मेरी लग जाती।
पापा तुम थे मुहब्बत का एक नाम
तुम्हारे जज्बों को मिले मेरा सलाम
दूंगी सच्ची श्रद्धांजलि उस दिन
रोशन हो सितारों सा आपका नाम
गर्व से कह सको बेटी मुझको
कर जाउँ जग में जो ऐसा कोई काम।
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मुझे छाँव देकर जलते रहे तुम धूप में
पापा नही फरिश्ते थे तुम इंसानी रूप में
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दिमाग मे हो दुनिया भर की टेंशन पर दिल में बच्चों की फ़िक्र
निश्चित ही वो शख्स पिता होगा गर चला है ऐसा जिक्र।
पिता की मौजूदगी सूरज की तरह है
जिसकी फ़ितरत तो गर्म है पर न हो तो जीवन में अंधेरा छा जाता है।
जब कभी हम अपनी थकान मिटाने को देर तक आराम से सोते थे
तो कोई हमारा आराम खरीदने थके कदमों से काम पे चला जाता
और वापस आकर हमारी मुस्कुराहट भर से तरोताज़ा हो जाता।
वो शक्श कोई और नहीं बस आप थे पापा।
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