-ऋत्विका कश्यप
चलो न दोनों यूँ मिल जाते हैं
तुम देखो चाँद
हम देखें चाँद
चाँद को ही अपना डाकिया बनाते हैं
कुछ तुम कहो दुनियाभर की
कुछ हम जज्बात सुनाते हैं
चाँद से हर संदेशा पहुंचाते हैं
तुम देखो चाँद में दुनिया
हम चाँद में तुमको पा जाते हैं
चाँद को ही हमसफर बनाते है
चलो न
हम यूँ मिल जाते है।
ऋत्विका कश्यप |