अगर समय रहते डिप्रेशन का संकेत समझ आजाये तो इससे बचा जा सकता है,अगर आप के आस पास भी कोई ऐसा व्यक्ति दिखाई दे जिसमे इसके लक्षण हो तो उसकी मदद करने की कोशिश करें, उसके साथ समय व्यतीत करें, उसे समझने का प्रयास करें, आपकी इतनी छोटी सी मदद से उसे डिप्रेशन से निजात पाने में काफी सहायता मिल सकती है, इतना सब करने के बाद फिर भी अगर कोई सुधार न दिखे तो counselor की मदद लेनी चाहिए
डिप्रेशन एक ऐसी समस्या है जिससे व्यक्ति के अंदर नकारात्मक भावना घर कर जाती है, ये व्यक्ति की सारी खुशियों को तबाह कर डालता है और उसे अपने आस -पास कुछ भी अच्छा नहीं लगता, वह सभी के बीच भी अकेलापन महसूस करने लगता है, परस्थितियां बिगड़ने पर उसमे जीवन जीने की भी इच्छा भी समाप्त होने लगती है। यहाँ कुछ ऐसे उपाए हैं जिन्हें अपना कर आप खुद ही डिप्रेशन को दूर करने में स्वयं की मदद कर सकते हैं।
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डिप्रेशन के क्या कारण होते हैं ?
सबसे पहले हमें डिप्रेशन को दूर करने के लिए उसके कारण को समझना होगा आम तौर पर कोई सदमा लगना या आस -पास के लोगों का ख़राब बर्ताव बुल्ले करना या कोई ऐसी घटना/किस्सा जो आप भूला नहीं पा रहे या फिर भुला नहीं पाए डिप्रैशन का कारण बन जाते हैं
कई बार कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जिनसे मन उदास होता है लेकिन कुछ वक्त के बाद आप उन्हें भूल जाते हैं पर यदि कुछ ऐसा हो जाये जिसे आप चाहकर भी भूल नही सकते या भुला नहीं पा रहे जिसकी वजह से आपका मन परेशान रहने लगा है और आप किसी चीज़ में मन नहीं लगा पा रहे आपके मन में हीन भावना घर करने लगे या उसकी चोट को आप हमेशा नया ताज़ा महसूस करें और स्वयं को अकेला महसूस करने लगें तो आपको समझ लेना चाहिए की ये डिप्प्रेशन के लक्षण हैं।
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डिप्रेशन के क्या लक्षण होते हैं ?
इसके शुरूआती लक्षण हैं किसी चीज़ में मन न लगना,लोगों से कटने लगना, सामाजिक समारोह में शामिल न होना, ज्यादा समय अपने कमरे में व्यतीत करना,कुछ खाने का बिलकुल मन न करना
और अगर ये लक्षण 6 महीने बाद भी वैसे ही हों या बढ़ गए हों तो यह आपके लिए सही सिग्नल बिल्कुल भी नहीं है साथ ही यदि आत्महत्या का ख्याल आने लगे तो यह खतरे की घंटी है।
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डिप्रेशन को ख़त्म करने के उपाए
डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए सबसे जरुरी है दोस्त बनाना, कोई ऐसा दोस्त जिससे आप अपने मन की हर बात शेयर कर सकें, यदि यह संभव न हो तो अपने मन की बात किसी कागज पर लिख कर अपना मन हल्का करें साथ ही किसी भी घर के सदस्य या करीबी दोस्त से अपने मन की बातें साझा करें। अपने आस पास के वातावरण से चाहे कोई पालतू जानवर हो बच्चे हों या कोई आपकी हॉबी हो या अपने पसंदीदा म्यूज़िक के साथ कुछ वक्त बिताएं और अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करें, जैसे रोज़ व्यायाम करना,ध्यान या प्राणायाम करना अच्छा हल्का और पौष्टिक आहार लें, कोशिश करें नींद पूरी हो अगर नींद न आये तो कोई किताब पढ़े सर पर चम्पी लें दिन की शुरुवात मेहनत वाले कामों से करें स्वयं के लिए अधिक से अधिक टास्क तय करें और उन्हें जिम्मेदारी से पूरा करने की कोशिश करें स्वयं को दर्पण में निहारें और स्वयं के लिए कुछ बेहतर करें अपने आस पास होने वाली अप्रिय घटनाओं से स्वयं को दूर रखने का प्रयास करें।
एक बार यह ज़रूर सोचें कि आप स्वयं के लिए कितने इम्पोर्टेन्ट हैं ना कि यह कि आप दूसरों की नज़र में क्या हैसियत रखते हैं या आप उन्हें किस प्रकार खुश रख सकते हैं अगर आप ये बदलाव करते हैं तो यकीन मानिए कुछ ही दिनों मेंआपको अपनी स्थिति में सुधर नज़र आएगा साथ ही आप स्वयं को पहले से अधिक कॉन्फिडेंट भी फील करेंगे गुड रेस्पांस के लिए गुड फीलिंग बहुत जरूरी है
एक अच्छी हेल्थ आपकी सफलता के लिए एक उत्तरदायी कारक होता है तो आज से ही आप स्वयं ही स्वयं की मदद के लिए हाथ बढ़ाये।