खुशियां जहाँ भर की मिल जाती
पापा तुम्हारी गोद में जो एक झपकी मेरी लग जाती।
जब कभी हम अपनी थकान मिटाने को देर तक आराम से सोते थे
तो कोई हमारा आराम खरीदने थके कदमों से काम पे चला जाता
और वापस आकर हमारी मुस्कुराहट भर से तरोताज़ा हो जाता।
वो शक्श कोई और नहीं बस आप थे पापा।
एक वक्त बीत जाने पर पता चलता है
मेरे पापा जो भी कहते थे सच कहते थे।
जब कभी हम अपनी थकान मिटाने को देर तक आराम से सोते थे
तो कोई हमारा आराम खरीदने थके कदमों से काम पे चला जाता
और वापस आकर हमारी मुस्कुराहट भर से तरोताज़ा हो जाता।
वो शक्श कोई और नहीं बस आप थे पापा।
पापा तुम थे मुहब्बत का एक नाम
तुम्हारे जज्बों को मिले मेरा सलाम
दूंगी सच्ची श्रद्धांजलि उस दिन
रोशन हो सितारों सा आपका नाम
गर्व से कह सको बेटी मुझको
कर जाउँ जग में जो ऐसा कोई काम।
मुझे छाँव देकर जलते रहे तुम धूप में
पापा नही फरिश्ते थे तुम इंसानी रूप में
दिमाग मे हो दुनिया भर की टेंशन पर दिल में बच्चों की फ़िक्र
निश्चित ही वो शख्स पिता होगा गर चला है ऐसा जिक्र।
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आज का विचार