वड़ा पाव की कहानी vada pav history hindi
23 अगस्त को वड़ा पाव डे मनाया जाता है।आज मैं आपको वड़ा पाव की पूरी कहानी बताने वाली हूँ ।साथ ही आपको इसकी रेसिपी भी दूँगी।तो आइये जानते हैं वड़ा पाव की कहानी vada pav history hindi तो चलिए शुरू करते हैं।
मुंबई का वड़ापाव पूरी दुनिया में फेमस है ।कहते हैं लगभग आधी मुम्बई इस वड़ापाव पर ही जीती है। तो आप भी इसके बारे में सबकुछ जान लें।
Table of Contents
वड़ा पाव की कहानी (vada pav history hindi )
वड़ा पाव मुम्बई से शुरू हुआ ये तो सभी लोग जानते हैं । पर क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर वड़ा पाव कहाँ से आया ? आखिर किसने खोज की इस रेसिपी की और कैसे बना इतना बड़ा वड़ा पाव? तो आज हम जानने वाले हैं वड़ा पाव की कहानी (vada pav history hindi ).
आज मुम्बई का वड़ा पाव पूरी दुनिया मे मुम्बई के स्ट्रीट फूड के रूप में मशहूर हो चुका है । मुम्बई के लोग तो इसे मुम्बई का राष्ट्रीय खाना भी बोलते हैं ।
तो चलिए आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे मुम्बई के वड़ा पाव की पूरी कहानी ।
इसे भी पढ़ें – वडापाव बनाने की बेहतरीन और आसान रेसिपी
इसे भी पढ़ें – Jamun shots | जामुन शॉट्स
वड़ा पाव का जन्म-
ऐसा मानते है कि सबसे पहले अशोक वैध जी ने वड़ा पाव की रेसिपी तैयार की । अशोक वैध जी ने अपने खोमचे यानी खाने की गाड़ी में सबसे पहले वड़ा पाव तैयार किया ।
कहते हैं न कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती हैं । तो मुम्बई के लाइफ स्टाइल । यानी भागती दौड़ती ज़िन्दगी ने वड़ा पाव को जन्म दिया।’ मुम्बई जिसे खाने के लिए भी एक पल रुकना गवारा न था ।
आलू की सब्जी और रोटी बनाकर खाने में टाइम और मेहनत बहुत ज्यादा लगती थी। साथ ही भागती दौड़ती जिंदगी में जगह मिलना भी मुश्किल हो रहा था। तो सुधाकर म्हात्रे ने भी वड़ापाव की शुरुआत कर दी।
इसे भी पढ़ें –आयुर्वेदिक मसाला चाय बनाने की आसान विधि | Ayurvedic organic masala chai
क्यों वड़ा पाव मुंबई में फेमस हुआ (vada pav history hindi) –
आलू को बेसन के घोल में लपेटकर पाव में डालना बहुत आसान था और स्वादिष्ट भी । कैलोरी के लिहाज से भी वड़ापाव काफी रिच था। अब अगर खाना स्वाद और सुविधा के साथ शरीर को जरूरी ऊर्जा पहुंचाने में भी सक्षम हो। तो उसे लोकप्रियता मिलने में जरा भी देर नहीं लगती ।
अब इस लिहाज से बड़ा पाव मुंबई की लाइफ में सेट हो गया। धीरे-धीरे वड़ापाव की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई । कि मुम्बई के हर कोने में वड़ापाव बनने लगा। भागती दौड़ती मुंबई को उर्जा और स्वाद से भरा ये बड़ा पाव खाने के साथ-साथ मुंबई की लोकल में भी फिट हो गया ।
यह खाने में बहुत सुविधाजनक था। अब खाना और मुंबई लोकल एक साथ पकड़ना एकदम आसान हो चुका था। मुंबई में एक कहावत है कि जिंदगी वही जो मुंबई लोकल के साथ चले। इस कहावत में वड़ापाव 100% हिट हुआ ।और वड़ापाव की गाड़ी चल निकली।
वड़ापाव की कीमत-
सोचिये जरा जब बड़ा पाव का जन्म हुआ तो उसकी कीमत क्या रही होगी । उस वक्त के वड़ापाव की कीमत सुनकर शायद आप हैरान रह जाएं। जी हां, क्योंकि उस वक्त वड़ापाव की कीमत 10 पैसा थी।
वडापाव कब बढ़ा-
वडापाव को सबसे अधिक लोकप्रियता तथा पहचान 1970 से लेकर 1980 के बीच मिली ।
जब मुंबई की मिले बंद होने लगी थी । तब मुंबई के दादर, लालबाग ,परल, गोरेगांव के मिल श्रमिकों ने वड़ापाव वाहन शुरू किए ।और वडापाव को मुम्बई की गली -गली पहुंचा दिया। उसी समय दक्षिण भारतीयों के खिलाफ एक आंदोलन शुरू हुआ । और दक्षिण भारतीय खाने का बहिष्कार किया जाने लगा । जिससे बड़ा पाव को लोकप्रियता हासिल होने में काफी मदद मिली। उस समय शिवसेना ने भी शिव वड़ापाव की शुरुआत की।
कई लोग कहते हैं कि आलू और पाव दोनों ही सामग्रियां यूरोपीय है ।तो फिर वड़ापाव भारतीय कैसे हुआ? । माना कि वडापाव में इस्तेमाल होने वाली दोनों सामग्रियां योरोपीय हैं तो भी वड़ापाव की रेसिपी पूरी तरह भारतीय है। साथ ही इसका ओरिजन महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ तो यह मुम्बइया डिश बन गई। और मुंबई के लोग इसे अपना राष्ट्रीय खाना मानते हैं ।
इसे भी पढ़ें –दुनिया को महकाने वाले परफ्यूम की शुरुआत क्या इत्र से हुई | History and origin of Perfume and ittar
चलिए जानते हैं मुम्बई के फ़ेमस वड़ापाव सेंटर के बारे में-
मैं आपको मुंबई के 5 सबसे फ़ेमस वड़ापाव सेंटर बताऊँगी।मुम्बई के सबसे फेमस वड़ापाव के बारे में अगर हम बात करें तो सबसे पहला नंबर है।
1.दादर की कीर्ति कॉलेज के पास 35 साल पुरानी वडापाव स्टाल । जो कि अशोक ठाकुर चलाते हैं । यह सबसे मशहूर वड़ापाव स्टाल है जहां सभी मशहूर सेलिब्रिटी, बिजनेसमैन और राजनेता वड़ापाव चखने आते हैं। इनके बनाये वड़ापाव का स्वाद सब के दिलों में राज करता है।
2.विलेपार्ले का शिवाजी वड़ापाव । जिसका शेजवान वर्जन काफी हिट है ।
3. पनवेल का दत्ता सेंटर ।
5 . आनंद वड़ापाव
6 . ब्यतचुल्ला स्टेशन के बाहर ।वैसे तो आपको हर रेलवे स्टेशन के बाहर वड़ापाव एकदम बढ़िया मिल जाएगा। और आप इसकी पोर्टबिलिटी के कारण कहीं भी ले जा कर आराम से खा सकते हैं।
इसे भी पढ़ें –सौंफ और अजवाइन खाने से क्या होता है?
Pingback: vada pav recipe वड़ापाव रेसीपी - oddstree e magzine for all