हिंगलाज का पौधा और उसके फायदे benefits of hinglaj plant in hindi
हिंगलाज का मंदिर जो की बलूचिस्तान पकिस्तान के हिंगोल नेशनल पार्क आशापुर में है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। माता हिंगलाज के मंदिर के आस-पास यह पौधा सबसे अधिक पाया जाता है। जिसके कारण इसे हिंगलाज का पौधा भी कहते हैं। हिंगलाज का पौधा और उसके फायदे निम्नलिखित हैं।
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आयुर्वेद में हिंगलाज का महत्त्व
आयुर्वेद में हिंगलाज के पौधे को दादमर्दन के नाम से जाना जाता है तथा ये पौधा सैकड़ो रोगो में प्रभावकारी है।
हिंगलाज के पौधे की जड़ बीज तथा पत्तियों का इस्तेमाल अधिकतर किया जाता है।
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चर्म रोग या त्वचा सम्बन्धी परेशानियों के लिए हिंगलाज का पौधा का प्रयोग
चर्म रोग या त्वचा सम्बन्धी परेशानियों के लिए हिंगलाज की पत्तियों का प्रयोग काफी प्रभावकारी माना जाता है। अस्थमा तथा श्वास रोग में हिंगलाज के पौधे का काढ़ा तुरंत लाभकारी होता है। हिंगलाज पौधे की जड़ भी काफी उपयोगी होती है बच्चो में नज़र लगना या चिड़चिड़ा होने पर पर भी इसकी जड़ को गले में पहनने का प्रावधान मिलता है।
नवरात्री में हिंगलाज के पौधे का खास महत्त्व
आदिवासी लोग नवरात्रों में अखंड ज्योति के नीचे हिंगलाज पौधे की जड़ें रखते हैं। कुछ लोग ऐसा मानते हैं की इसकी जड़ को ज्वारे के नीचे दबाने से अखंड ज्योति कभी नहीं बुझती।
बुरे सपने से बचने के लिए हिंगलाज की जड़ का प्रयोग hinglaj paudhe ki jad
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सोते समय आने वाले बुरे सपने से बचने के लिए भी हिंगलाज पौधे की जड़ को सिरहाने रक्खा जा सकता है। इससे आने वाले बुरे सपनो से मुक्ति मिलती है।
हिंगलाज का पौधा कहाँ मिलता है और कैसा दिखता है ? hinglaj plant
हिंगलाज का पौधा नदी नालों के किनारे या सड़क किनारे स्वयं ही उग जाते हैं। इनके फूल पीले रंग के होते हैं। तथा इनमे लम्बी फलियां निकलती हैं।
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हिंगलाज का आयुर्वेदिक प्रयोग त्वचा रोगों के लिए
इस पौधे का प्रयोग दाद खाज खुजली एक्सिमा सोराइसिस अपरस एड़ियों का फटना तथा कुष्ठ रोग आदि में लाभकारी होता है। हिंगलाज पौधा और फायदे अनगिनत हैं। त्वचा सम्बंधित सभी समस्याओं के लिए इसका अत्यधिक महत्त्व है। इसकी पतियों के लेप से त्वचा सम्बन्धी समस्याओं का इलाज किया जा सकता है।
हिंगलाज के प्रयोग की विधि एवं मात्रा
इस हिंगलाज पौधा और फायदे पाने के लिए इसकी ताज़ी हरी 50 ग्राम पत्तियां पीस कर चटनी बना लें। जिसमे 10 ग्राम फिटकरी पीस कर मिलाएं। यह लेप प्रभावित त्वचा पर लगाने से आराम मिलता है।
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हिंगलाज का आयुर्वेदिक अमेज़िंग गार्डन
भारत के मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में माता हिंगलाज मंदिर के पास एक आयुर्वेदिक मेडिकेटेड गार्डन है। जिसमे नव ग्रहों के अनुसार पौधे लगे हुए हैं। जो की अपने आप में बेमिसाल और चमत्कारी है।
यदि ग्रहों की बात करें तो सभी मनुष्य कहीं न कहीं ग्रहों से प्रभावित होते हैं। ग्रहों की चाल से ही व्यक्ति के जीवन में सफलता या विफलता भी प्रभावित होती है ऐसा माना जाता है।परिस्थिति कोई भी हो वनस्पतियां मनुष्य की सबसे अच्छी दोस्त कही जा सकती है।
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भारतीय वेद और वनस्पति
भारतीय वेदो में वनस्पतियों का वृहद् ज्ञान संचित है। आदि काल से ही मनुष्य के सबसे अधिक मददगार यह पेड़ पौधे या वनस्पतिया ही रही हैं। भारतीय शास्त्रों में भी ग्रहों को अनुकूल बनाने हेतु वनस्पतियों की प्रमुख भूमिका मानी गयी है। तथा नवग्रहों के अनुकूल पौधों का वर्णन भी किया गया है। संयोग से छिंदवाड़ा में माता हिंगलाज के मंदिर प्रांगण में यह सभी पौधे एक साथ पाए जाते हैं। ऐसा कहा जाता है की इस बगीचे में स्वयं भगवान् आते हैं।
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इस वाटिका में हर ग्रह के उपाय के लिए पेड़ पौधे हैं जो अपने स्वामी की मूर्ति के साथ हैं।
1 सूर्य ग्रह के शांति के लिए पेड़, पौधा
अकोना का पौधा सूर्य गृह के उपाए के लिए निश्चित किया गया है। ऐसा माना जाता है की अकोना के पौधे की पूजा अर्चना से बौद्धिक शक्ति बढ़ती है।
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2 चंद्र ग्रह के शांति के लिए पेड़, पौधा
पलाश का पौधा चंद्र ग्रह के लिए सुनिश्चित है। जिसे ढाक का पौधा भी कहते हैं। होली में बनाये जाने वाले रंग टेसू के फूलों से ही बनाये जाते हैं।
3 मंगल ग्रह के शांति के लिए पेड़, पौधा
खैर का पौधा मंगल ग्रह की शांति के लिए शुभ होता है। जो की रक्त विकार एवं त्वचा सम्बन्धी रोगों के लिए भी उपयुक्त रहता है।
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4 बुद्ध ग्रह के शांति के लिए पेड़, पौधा
बुद्ध गृह के लिए आंधी झाड़ा के पौधे का उल्लेख मिलता है। इसके रस को पानी में मिला कर स्नान करने से मानसिक संतुलन ठीक होता है।
5 गुरु ग्रह के शांति के लिए पेड़, पौधा
पारस पीपल का पौधा गुरु गृह के लिए मन जाता है। इसके पूजन से बहुत अधिक लाभ मिलता है। तथा बेहतर ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है।
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6 शुक्र ग्रह के शांति के लिए पेड़, पौधा
गूलर / उमर के मेल को शुक्र ग्रह हेतु प्रभावशाली माना गया है।
7 शनि ग्रह के शांति के लिए पेड़, पौधा
शनि के लिए शमी का पौधा माना जाता है। शमी के पौधे से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं।
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8 राहु ग्रह के शांति के लिए पेड़, पौधा
राहु ग्रह के लिए चन्दन के वृक्ष की पूजा की जाती है।
9 केतु ग्रह के शांति के लिए पेड़, पौधा
नीम के पौधे की पूजा अर्चना केतु के प्रकोप को समाप्त कर सकती है।
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