स्वयं भगवान श्री कृष्ण के द्वारा बसाई हुई द्वारिका नगरी पूरी की पूरी वर्षों पहले समंदर में डूब गई। आखिर क्या हुआ था ऐसा? क्या ये किसी का शाप था या कोई महज इत्तेफाक…. पर द्वारका डूब गई। आखिर क्या है द्वारका मंदिर का रहस्य Dwarka mandir ka rahasya ?
यही सच है।द्वारका डूब गई बिल्कुल ऐसे जैसे क्षण भर में कोई सपना टूट जाता है। द्वारका डूबने के बाद द्वारका वासियों का क्या हुआ?
क्या हुआ द्वारकाधीश की पत्नियों का। आखिरकार अर्जुन को क्यों आना पड़ा द्वारका? इन सारे सवालों और अनसुलझे रहस्यों की कहानी के साथ मैं आज आपको द्वारका का टुअर कराने वाली हूं। आप स्वर्ण यात्रा के वर्चुअल टिकट के जरिये आज द्वारका घूमेंगे भी और द्वारका की ट्रैवल आइटम नगरी या द्वारका की कंप्लीट इन्फॉर्मेशन भी पाएंगे यहां पर।
कथाओं के अनुसार जब श्री कृष्णा को अंतिम क्रिया के लिए ले जाया जा रहा था।उनका अंतिम संस्कार किया गया तो कहते हैं कि उनके शरीर के एक हिस्से को अग्नि भी नहीं जला सकी थी। क्या आपको पता है कि वो शरीर का हिस्सा कौनसा था। अगर आपको पता है तो कमेंट करके जरुर बताइए।
आइये बात करते हैं वैभवशाली द्वारका नगरी की और यहां की हर बहस पर एक के बाद एक सभी पर्दे उठाए। और अगर आप द्वारकाधीश जाने का प्लान कर रहे हैं तो ये लेख पूरा पढ़ें क्योंकि अगर आप किसी जगह जा रहे हैं उससे पहले अगर आपको उसके इतिहास के बारे में भी पता हो तो वो जगह का फील दोगुना हो जाता है।
आज मेरी यही कोशिश रहेगी कि द्वारका की इस टूर गाइड में मैं आपको द्वारका के कुछ अनसुलझे रहस्यों से भी पर्दा उठाऊं। साथ ही आपको द्वारकाधीश के दर्शनों के साथ साथ सारी ज़रूरी इन्फॉर्मेशन भी मैं इस वीडियो में देने वाली हूं। जब जब सोमनाथ से द्वारका नगरी के लिए निकले तो अचानक राधा भी याद आ ही गईं और याद आ गया।
Radha and krishna story भगवान श्री कृष्ण के साथ राधा रानी का वार्तालाप
कहते हैं जब भगवान श्रीकृष्ण स्वर्ग में राधा से मिले तो राधा ने उन्हें द्वारकाधीश कहकर पुकार दिया था, जो भगवान श्री कृष्ण को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा था और उन्होंने राधा से कहा, द्वारकाधीश ? तुम तो मुझे कान्हा बुलाती थी। राधा तो राधा भी मुस्कराकर कहती या जो जिस दिन गोकुल वृंदावन की गलियां छोड़ तुम सर पर मुकुट सजाकर द्वारका नगरी के हो गए, उसी दिन से मेरे लिए द्वारकाधीश हो गए।
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जिस दिन तुमने बांसुरी छोड़ कर चक्र उठा लिया, उसी दिन तुम कान्हा से द्वारकाधीश हो। वह जिस दिन तुमने प्रेम छोड़ दिया और युद्ध का रास्ता चुन लिया, उसी दिन से द्वारकाधीश हो गए। कान्हा से द्वारकाधीश बनने की कहानी भी मैं किसी और लेख में आपको विस्तार से बताउंगी। कान्हा के वृंदावन छोड़ने के बाद राधा का क्या हुआ?
ये भी मैं विस्तार से बताऊंगी फिलहाल चलते हैं। श्री कृष्ण की नगरी द्वारका जहां हम दर्शन करेंगे द्वारकाधीश के और फिर इसकी कहानी यानि इतिहास को भी दोहराएंगे।
सोने के शहर द्वारका का रहस्य Dwarka mandir ka rahasya
श्री कृष्ण की नगरी द्वारका में है और आज हम जानेंगे कि कैसे 5000 वर्ष पहले अरब सागर में ये नगरी समा गई थी।
साथ ही हम आज चार धामों में से एक द्वारका धाम के दर्शन भी करेंगे और श्री कृष्ण के निजी महल के दर्शन भी करने वाले हैं तो प्रेम के देवता सांवरे कन्हैया के लिए आप भी कमेंट में राधे राधे लिखना ना भूलें।
द्वारका नगरी कहां स्थित है Dwarka kaha hai
भगवान श्री कृष्ण की नगरी द्वारका धाम हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है जो गुजरात के कच्छ वार्ड क्षेत्र में अरब सागर के समीप स्थित है जैसे कि सभी ने इस किवदंती को सुना ही होगा कि द्वारका नगरी 5000 वर्ष पूर्व जलविहीन हो गई थी।
तो चलिए मैं आपको श्रौत में द्वारका के अरब सागर में जलमग्न होने की कहानी सुना देती हूं। पौराणिक कथाओं के अनुसार जरासंध द्वारा प्रजा पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए भगवान श्रीकृष्ण मथुरा से चले गए और वहीं समुद्र के समीप एक स्वर्ण नगरी बसाई जिसका नाम रखा द्वारका। कहते हैं कि महाभारत के युद्ध के 36 वर्षों बाद द्वारका नगरी पूरी की पूरी जलमग्न हो गई।
द्वारका नगरी का इतिहास Dwarka history in hindi
जैसा कि हम सभी को पता है कि महाभारत के युद्ध में कौरवों का नाश हुआ और पांडवों ने विजय प्राप्त की थी। इस युद्ध के बाद जब युधिष्ठिर का हस्तिनापुर में राजतिलक हो रहा था, उस समय भगवान श्री कृष्ण भी वहां पर मौजूद थे।द्वारका नगरी समुद्र में कैसे डूबी Dwarka kaise dubi
इसी प्रकार ऋषि विश्वामित्र और देवऋषि नारद जब द्वारका गए तो वहां यादवों के बच्चों ने उनका बहुत उपहास किया और वो शापित हो गए और कारण जो भी हो पर द्वारका तो डूब गयी।
1960 में द्वारका शहर के एक घर को गिराया जा रहा था। उस समय वहां पर मंदिर का एक अंश पाया गया और उस समय द्वारका नगरी के अवशेष को पाने के बाद इसे पुन से स्थापित किया गया।
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द्वारका का रहस्य Dwarka mandir ka rahasya | dwarka ka old name
क्या आपको पता है कि द्वारका का नाम द्वारका क्यों था? द्वारका का नाम द्वारका नगरी इसलिए पड़ा क्योंकि इस नगर में कई सारे द्वार थे। भगवान श्री कृष्ण विष्णु के आठवें अवतार माने जाते हैं और इन्होने ये नगरी बनाई थी जिसका पुराना नाम जो था वो कुशस्थली भी था। पर ये सबसे ज्यादा द्वारका के नाम से ही फेमस हुई।गोमती और बेट द्वारका का इतिहास Gomti and beyt dwarka history in hindi
गोमती, द्वारका और बेट द्वारका के द्वारका में ही द्वारका देश का मुख्य मंदिर गोमती द्वारका में है और यह मंदिर 1500 साल पुराना है। यह मंदिर सात मंजिला इमारत के रूप में देखा जा सकता है और इमारत के आसपास बड़े हिस्से में जल्द ही जल्द देखा जा सकता है। इस जल को गोमती कहते है। यहां पर आसपास कई सारे घाट जिनमें संगम घाट प्रमुख है। यहां मंदिर के दक्षिण में आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित मार्ग भी है।कृष्ण की नगरी तो द्वारका थी पर क्या आपको पता है? कृष्ण का हृदय यानि की कृष्ण का दिल कौन सी नगरी में है? अगर नही पता तो आपको किसी ना किसी अपनी सोच में इस की भी जानकारी देने वाली हूं क्योंकि जहां कृष्ण का दिल है वो नगरी भी पूरे संसार में प्रसिद्ध है तो उसकी बात किस और दिन करेंगे।
साथ ही अगर आप गोमती द्वारका के अलावा बेट द्वारका की तरफ़ जाते है तो बेट द्वारका में आप स्कूबा डाइविंग भी कर सकते है।
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द्वारकाधीश मंदिर vip दर्शन dwarka me vip darshan kaise kare
द्वारका नगरी में श्री कृष्ण के द्वारका टेम्पल में अगर आपको वीआईपी दर्शन प्राप्त करने हों तो आपको यहां 300 रुपये से 2 हज़ार रुपये तक खर्च करने पड़ेंगे।पर दर्शन बहुत ही आसानी से हो जाएंगे।
द्वारका मंदिर दर्शन समय dwarka mandir open time
द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन का समय क्या होता है। द्वारकाधीश मंदिर में दर्शन का समय सुबह साढ़े 06:00 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक होता है तथा अगर आप शाम में मंदिर में दर्शन करना चाहते है तो ये दर्शन 05:00 बजे से प्रारंभ हो जाते है और रात्रि साढ़े 09:00 बजे तक होती है।द्वारका मंदिर में आरती का समय Dwarka mandir aarti time
द्वारकाधीश टेम्पल में यदि आप आरती का आनंद लेना चाहते है तो तो द्वारकाधीश मंदिर में आरती का समय भी जान लीजिए। द्वारकाधीश मंदिर में अभिषेक स्नान सुबह 8 से 9 के बीच में होता है और 11:00 बजे द्वारकाधीश मंदिर में आरती का समय होता है। द्वारकाधीश मंदिर में वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी अलाउड नहीं होती है तो आप अपना कैमरा और मोबाइल फोन को आपको जमा कराना होता है।Also, read - Top things to do in Arambol Beach Nightlife
द्वारका कब जाना चाहिए Best time to visit Dwarka
द्वारकाधीश मंदिर में जाने का सबसे अच्छा टाइम क्या होता है। यानी ब्रज टाइम टू विजिट इन द्वारका क्या होने वाला है तो मैं आपको तीनों सीजन बता देती हूं। सबसे पहले पीक सीजन की बात करती है।Dwarka trip in summer in Winter
द्वारकाधीश मंदिर में जाने के लिए अगर आप पीक सीजन में विजिट करते हैं तो यह नवंबर से फरवरी के बीच में होता है और अगर आप मार्च से जून के बीच में जाते है तो यहां पर वन्य जीवन आपको बहुत अच्छा मिल जाता है और ये जो सीजन होता है इस समय आपको सारी चीजें बहुत ही आसानी से मिल जाती है और आपका बजट भी काफी कम खर्च होता है तो अगर आप बजट ट्रेवल करना चाहते है।Dwarka trip in summer
द्वारका नगरी के लिए तो आप मार्च से जून का टाइम चुन सकते हैं और अगर आप ऑफ़ सीजन में जाना चाहते हैं तो जुलाई से लेकर अक्टूबर तकऑफ़ सीजन होता है। वैसे मैं आपको रिकमेंड करूंगी, अगर आप बजट ट्रैवलर है और आपको बहुत ही आरामदायक जर्नी चाहिए तो मार्च से जून के बीच में आप द्वारका नगरी को विजिट कर सकते हैं, जहां पर आपको सारी फैसिलिटीज बहुत ही आसानी से कम पैसे में उपलब्ध हो जाएगी।Also read: Illuminating Nights: The Full Moon Party Goa, A Guide to Full Moon Parties in Best Beaches
द्वारका में घूमने की जगह Dwarka itinerary for 2 days in hindi
द्वारका में घूमने की जगह Places to visit in Dwarka in hindi
अगले दिन भी आप वहां पर रखते हैं तो मैं आपको कुछ ऐसी प्लेसेस बता रहा हूं, जिन्हें आपको द्वारका के अदर विजिट करना चाहिए तो ऐसी टॉप फाइव प्लेसेस मैं आपको बताने वाली हूं जो आपको विजिट करनी ही चाहिए।रुक्मणि देवी मंदिर द्वारका Rukmini devi temple dwarka
दूसरा आप रुक्मणी मंदिर भी जा सकते हैं जो रुक्मणी देवी के लिए बनाया गया था। जो श्री कृष्ण की पत्नी थी जैसे आपको पता है कि उनकी शादी शिशुपाल से होने वाली थी। फिर उन्हें श्री कृष्ण भगा के लिए आए थे। उनके आग्रह पे तो उनके लिए ये मंदिर बनाया गया था तो आप रुक्मणी टेम्पल भी विजिट कर सकते हैं।
तीसरा शर्त द्वारिका विजिट कर सकते हैं। ओखा से दूर बेट द्वारका द्वीप में है। यह भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ ये मंदिर है। इसमें श्रीकृष्ण और उनके 56 पत्नियों के मंदिर बने हुए हैं। यहां उनके चित्र भी हैं और द्वीप पर कई और भी मंदिर है। उन्हें भी आप देख सकते हैं।
द्वारका के पास घूमने की जगह Best places to visit near Dwarka
वहां पर आपको स्टे के ऑप्शन्स बहुत अच्छे मिल जाएंगे। अब नागेश्वर मंदिर भी जा सकते हैं। ये भी महादेव मंदिर है और 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है तो यहां पर विजिट जरूर से करें। क्योंकि जो लोग भी यहां आते हैं। वो नागेश्वर मंदिर भी सभी जाते हैं।साथ ही आप वसाई में प्राचीन सूर्य मंदिर है, उसे भी प्रसिद्ध कर सकते हैं। यहां आठवीं और नौवीं शताब्दी में शंकराचार्य ने एक हिन्दू मठ की स्थापना भी की थी। पांचवें नंबर पर आप ओखा जा सकते हैं जो द्वारका से खाटी किलोमीटर दूर है और बड़ौदा के गायकवाड़ शासकों के अधीन एक बंदरगाह जो डेवलप किया गया था वो है यहां पर ये मुख्यतः मछली पकड़ने के लिए विकसित किया गया था।
आप इसे भी विजिट कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ अन्य स्थान है। द्वारका में विजिट करने के लिए जैसे हनुमान कुंड, गोपी, तलाब, लाइटहाउस वगैरह आप देख सकते हैं। स्कूबा डाइविंग कर सकते हैं और समुद्र को आप निहार सकते हैं। गोमती के संगम को एन्जॉय कर सकते हैं।
आशा करते हैं की आपको हमारा ये लेख द्वारका का रहस्य Dwarka mandir ka rahasya पसंद आया होगा। यदि आपका कोई सुझाव या प्रश्न है तो कमेंट में ज़रूर लिखें।